दूध की कीमत में हाल ही में आई गिरावट के कारण आम उपभोक्ता और किसान दोनों के लिए बड़ी राहत मिली है। भारत सरकार ने दूध सहित कई आवश्यक खाद्य पदार्थों पर से जीएसटी (GST) हटाने या कम करने का फैसला किया है, जिससे दूध की कीमतें कम हुई हैं। इस बदलाव का मकसद न केवल उपभोक्ताओं का बोझ कम करना है, बल्कि डेयरी किसानों को भी बाजार में बेहतर अवसर प्रदान करना है।
इस लेख में विस्तार से बताएंगे कि नया नियम क्या है, दूध की कीमतों में कितना उतार-चढ़ाव आया है, किस तरह से यह योजना काम कर रही है और इससे आम आदमी के साथ डेयरी किसानों को क्या लाभ मिलने वाले हैं।
Milk Price Drop: New Update
सरकार ने जीएसटी परिषद के निर्णय से दूध और दूध से बने उत्पादों पर लगने वाला टैक्स कम कर दिया है। अब अल्ट्रा हाई टेंपरेचर (UHT) दूध पर GST पूरी तरह से हट गया है, जबकि पनीर, मक्खन, घी, पनीर और कंडीशंड दूध जैसे उत्पादों पर टैक्स घटाकर 12% से 5% कर दिया गया है। इससे दूध के दाम सीधे तौर पर कम हुए हैं।
उदाहरण के तौर पर, अमूल और मदर डेयरी जैसी बड़ी डेयरी संस्थाओं ने अप्रैल-मई 2025 में अपनी दूध की कीमतों में वृद्धि की थी। अमूल ने ₹2 प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी, लेकिन अब नए टैक्स के लागू होने के बाद डेयरी उत्पादों के दामों में करीब 5-10% की कटौती देखी जा रही है।
भारत के शीर्ष दूध उत्पादन वाले राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में दूध उत्पादन की मात्रा देश के कुल उत्पादन का 54% से भी ज्यादा है। इन राज्यों में नई GST दरों की वजह से दूध उपभोक्ताओं के लिए सस्ता हुआ है, वहीं किसानों को भी उचित मूल्य मिलने में मदद मिली है।
सरकार ने इस बदलाव के तहत न केवल टैक्स कम किया है बल्कि दूध उत्पादकों के हित में बुनियादी डैमपर सुधार योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (National Programme for Dairy Development) के तहत डेयरी संसाधनों, दूध उत्पादन क्षमता, पशु स्वास्थ्य सेवाओं और फीड की उपलब्धता में सुधार किया जा रहा है। इससे दूध का उत्पादन लागत कम होता है और किसानों की आय में वृद्धि होती है।
साथ ही, इस योजना से डेयरी सहकारी समितियों की संख्या बढ़ाई जा रही है, जिससे छोटे किसानों को बाज़ार तक बेहतर पहुंच मिल सके। सरकार की यह पहल दूध उत्पादन को बढ़ावा देने और दूध की कीमतों को स्थिर रखने में सहायक है।
अपने शहर में 1 लीटर दूध की कीमत जानें
दूध की कीमत शहर-दर-शहर थोड़ी अलग हो सकती है क्योंकि यह उत्पादन और वितरण लागत, डेयरी ब्रांड, और स्थानीय बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, अमूल के अनुसार गुजरात में 500 मिलीलीटर दूध का पैक ₹31 से ₹34 के बीच मिलता है, 1 लीटर दूध की कीमत लगभग ₹62 से ₹68 के बीच होती है।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मदर डेयरी की 1 लीटर दूध की कीमत ₹69 के करीब है, जबकि मुंबई, पुणे जैसे शहरों में दूध की कीमत अलग-अलग हो सकती है। बड़े शहरों में दूध की कीमतें थोड़ी ज्यादा हो सकती हैं क्योंकि वहां वितरण लागत भी अधिक होती है।
जीएसटी कटौती के बाद उपभोक्ताओं को दूध की लागत में कमी मिलेगी, जिससे परिवारों का मासिक खर्चा कम होगा। साथ ही, उचित कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाला दूध उपलब्ध होगा।
दूध की कीमत कम करने के सरकार के प्रयास और उपभोक्ता एवं किसान पर प्रभाव
सरकार सीधे तौर पर दूध के मूल्य निर्धारण में हस्तक्षेप नहीं करती, लेकिन डेयरी सहकारी समितियों और निजी डेयरी उद्योगों के लिए नियम बनाकर माहौल सुधारा जा रहा है। डेयरी विकास योजनाओं से किसान अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा पा रहे हैं, जबकि उपभोक्ता को भी दूध उचित दामों पर मिल रहा है।
GST में कटौती के साथ-साथ सरकार ने डेयरी किसान विकास के लिए कई अन्य योजनाएं चलाई हैं, जिसमें पशु चिकित्सा सेवाएं, बेहतर चारा उपलब्ध कराना, और डेयरी उत्पादन सुविधाओं का विस्तार शामिल है। इससे न केवल दूध की गुणवत्ता सुधरती है, बल्कि दूध उत्पादन लागत में भी कमी आती है।
इस कदम से दूध के मूल्य में स्थिरता बनी रहेगी और दूध के दामों में अत्यधिक बढ़ोतरी को भी रोका जा सकेगा। उपभोक्ताओं को बेहतर दूध सस्ते दामों पर मिलेगा, वहीं किसानों को लाभकारी मूल्य भी सुनिश्चित होगा।
निष्कर्ष
सरकार के नए नियमों और GST कटौती के कारण दूध की कीमतों में कमी आई है, जिससे आम उपभोक्ता को आर्थिक राहत मिली है। साथ ही, दूध उत्पादन बढ़ाने और डेयरी किसानों की मदद के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। इस बदलाव से बाजार में दूध की उपलब्धता बेहतर होगी और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण दूध सस्ते दामों में मिलेगा। यह कदम देश में दूध उद्योग को और मजबूत बनाने में सहायक होगा।